स्वामी विवेकानंद कहते हैं
"कि तुम मुझे पसंद करो या मुझसे नफरत, दोनो ही मेरे पक्ष में हैं।"
"क्योंकि अगर तुम मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ,
और अगर तुम मुझ से नफरत करते हो , तो मैं आपके दिमाग में हूं !!"
"पर रहूंगा आप के पास ही"
😊🍀🙏शुभ प्रभात🙏🍀😊
********************
वक़्त अच्छा ज़रूर आता है;
मगर वक़्त पर ही आता है!
मीठे बोल बोलिये क्योंकि अल्फाजों में जान होती है;
इन्हीं से आरती, अरदास और इन्हीं से अज़ान होती है;
यह समुंदर के वह मोती हैं;
जिनसे इंसानों की पहचान होती है!
************************
Sunday, 30 July 2017
चरित्र - CHARACTER ( KRISHNA )
✍... जहाँ हमारा स्वार्थ समाप्त होता है ..
वही से हमारी इंसानियत आरम्भ होती है !!
लोग कहते है कि आदमी को अमीर होना चाहिए..
और गांव के बुज़ुर्ग़ो का कहना है कि आदमी का जमीर होना चाहिए...।।
🌹🌳🌷🌿🌺🌴💐🌸🍁
चित्र ही नहीं...
#चरित्र भी सुंदर हो।"
भवन ही नहीं...
#भावना भी सुंदर हो।"
साधन ही नहीं...
#साधना भी सुंदर हो।"
दृष्टि ही नहीं...
#दृष्टिकोण भी सुंदर हो।""।।
💞 आपका और आपके? परिवार का दिन मंगलमय हो💞
WHERE OUR
SELFISHNESS ENDS.....
STARTS OUR HUMANITY !!!
PEOPLE SAY A PERSON SHOULD HAVE RICHES..
BUT THE ELDERS IN FOLKLORE BELIEVES
A PERSON SHOULD HAVE CLEAR CONSCIENCE....
…….BEAUTIFUL
SHOULD BE THE CHARACTER
NOT ONLY THE CARICATURE....
……BEAUTIFUL
SHOULD BE THE EMOTIONS
NOT ONLY THE EDIFICE...
…..BEAUTIFUL
SHOULD BE THE PRACTICE
NOT ONLY THE MEANS.....
…..BEAUTIFUL
SHOULD BE THE OUTLOOK
NOT ONLY THE LOOK........
STARTS OUR HUMANITY !!!
PEOPLE SAY A PERSON SHOULD HAVE RICHES..
BUT THE ELDERS IN FOLKLORE BELIEVES
A PERSON SHOULD HAVE CLEAR CONSCIENCE....
…….BEAUTIFUL
SHOULD BE THE CHARACTER
NOT ONLY THE CARICATURE....
……BEAUTIFUL
SHOULD BE THE EMOTIONS
NOT ONLY THE EDIFICE...
…..BEAUTIFUL
SHOULD BE THE PRACTICE
NOT ONLY THE MEANS.....
…..BEAUTIFUL
SHOULD BE THE OUTLOOK
NOT ONLY THE LOOK........
…FLYFREE…..
Friday, 28 July 2017
मिली थी जिन्दगी
🎵🎵 Nice Line..!🎵🎵
🎵 मिली थी जिन्दगी
किसी के 'काम' आने के लिए।🎵
🎵 पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए।🎵
🎵 क्या करोगे,
इतना पैसा कमा कर..???🎵
🎵 ना कफन मे 'जेब' है,
ना कब्र मे 'अलमारी..!'🎵
🎵 और ये मौत के
फ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते ।🎵
🎵 खुदा की मोहब्बत
को फना कौन करेगा ?🎵
🎵 सभी बंदे नेक
तो गुनाह कौन करेगा ?🎵
🎵 "ए खुदा मेरे इन दोस्तो
को सलामत रखना...🎵
🎵 वरना मेरी सलामती
की दुआ कौन करेगा ?🎵
🎵 और रखना मेरे
दुश्मनो को भी मेहफूस...🎵
🎵 वरना मेरी तेरे पास
आने की दुआ कौन करेगा ?"🎵
🎵* खुदा ने मुझसे कहा, "इतने दोस्त
ना बना तू , धोखा खा जायेगा"🎵
🎵 मैने कहा "ए खुदा, तू ये मेसेज
पढनेवालो से मिल तो सही,🎵
🎵 तू भी धोखे से
दोस्त बन जायेगा ."🎵🎵
🎵 नाम छोटा है
मगर दिल बडा रखता हु ।🎵
🎵 पैसो से
उतना अमीर नही हु ।🎵
🎵 मगर अपने यारो के गम
खरिद ने की हैसयत रखता हु ।🎵
🎵 मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना है
ना रानी का बादशाह ।🎵
🎵 हम जोकर ही अच्छे है
जिस के नसीब में आऐंगे, 🎵
🎵 बाज़ी पलट देंगे।
🎵 मिली थी जिन्दगी
किसी के 'काम' आने के लिए।🎵
🎵 पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए।🎵
🎵 क्या करोगे,
इतना पैसा कमा कर..???🎵
🎵 ना कफन मे 'जेब' है,
ना कब्र मे 'अलमारी..!'🎵
🎵 और ये मौत के
फ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते ।🎵
🎵 खुदा की मोहब्बत
को फना कौन करेगा ?🎵
🎵 सभी बंदे नेक
तो गुनाह कौन करेगा ?🎵
🎵 "ए खुदा मेरे इन दोस्तो
को सलामत रखना...🎵
🎵 वरना मेरी सलामती
की दुआ कौन करेगा ?🎵
🎵 और रखना मेरे
दुश्मनो को भी मेहफूस...🎵
🎵 वरना मेरी तेरे पास
आने की दुआ कौन करेगा ?"🎵
🎵* खुदा ने मुझसे कहा, "इतने दोस्त
ना बना तू , धोखा खा जायेगा"🎵
🎵 मैने कहा "ए खुदा, तू ये मेसेज
पढनेवालो से मिल तो सही,🎵
🎵 तू भी धोखे से
दोस्त बन जायेगा ."🎵🎵
🎵 नाम छोटा है
मगर दिल बडा रखता हु ।🎵
🎵 पैसो से
उतना अमीर नही हु ।🎵
🎵 मगर अपने यारो के गम
खरिद ने की हैसयत रखता हु ।🎵
🎵 मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना है
ना रानी का बादशाह ।🎵
🎵 हम जोकर ही अच्छे है
जिस के नसीब में आऐंगे, 🎵
🎵 बाज़ी पलट देंगे।
"तकलीफ़"
जीवन में जो भी करो,
पूरे समर्पण के साथ करो...।
प्रेम करो तो मीरा की तरह....
प्रतीक्षा करो तो शबरी की तरह...
भक्ति करो तो हनुमान की तरह...
शिष्य बनो तो अर्जुन के समान...
और
मित्र बनो तो स्वयं कृष्ण के समान
******************
पूरे समर्पण के साथ करो...।
प्रेम करो तो मीरा की तरह....
प्रतीक्षा करो तो शबरी की तरह...
भक्ति करो तो हनुमान की तरह...
शिष्य बनो तो अर्जुन के समान...
और
मित्र बनो तो स्वयं कृष्ण के समान
******************
Tuesday, 25 July 2017
परोपकार
मनुष्य को परोपकार की भावना से परिपूर्ण होना चाहिए।
परोपकार में ही मनुष्य का आत्म-कल्याण निहित होता है।
जिनका हृदय परोपकार से भरा हुआ है,
उन्हें कभी विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ता।
उनके मार्ग की समस्त बाधाएँ अपने आप नष्ट हो जाती हैं
और वे कदम-कदम पर सफलता प्राप्त करते हैं।
परोपकार से युक्त मनुष्य दुःखरहित होकर
सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
इसलिए मनुष्य को यथासंभव परोपकार करते रहना चाहिए।
परोपकार में ही मनुष्य का आत्म-कल्याण निहित होता है।
जिनका हृदय परोपकार से भरा हुआ है,
उन्हें कभी विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ता।
उनके मार्ग की समस्त बाधाएँ अपने आप नष्ट हो जाती हैं
और वे कदम-कदम पर सफलता प्राप्त करते हैं।
परोपकार से युक्त मनुष्य दुःखरहित होकर
सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
इसलिए मनुष्य को यथासंभव परोपकार करते रहना चाहिए।
हिम्मत
जीवन" में "तकलीफ़" उसी को आती है, जो हमेशा "जवाबदारी" उठाने को तैयार रहते हैं,
और जवाबदारी लेने वाले कभी हारते नहीं, या तो "जीतते" हैं, या फिर "सिखते" हैं.
अभिमन्यु की एक बात बड़ी शिक्षा देती है ...
" हिम्मत से हारना,
पर
हिम्मत मत हारना "... *
और जवाबदारी लेने वाले कभी हारते नहीं, या तो "जीतते" हैं, या फिर "सिखते" हैं.
अभिमन्यु की एक बात बड़ी शिक्षा देती है ...
" हिम्मत से हारना,
पर
हिम्मत मत हारना "... *
अनुभव
"अनुभव कहता है
खामोशियाँ ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं..."
जिंदगी गुजर गयी....
सबको खुश करने में ..
जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,
जो अपने थे वो कभी खुश नहीं हुए...
कितना भी समेट लो..
हाथों से फिसलता ज़रूर है..
ये वक्त है साहब..
बदलता ज़रूर है..
इंसान की अच्छाई पर,
सब खामोश रहते हैं...
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो,
तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं..!!!
खामोशियाँ ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं..."
जिंदगी गुजर गयी....
सबको खुश करने में ..
जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,
जो अपने थे वो कभी खुश नहीं हुए...
कितना भी समेट लो..
हाथों से फिसलता ज़रूर है..
ये वक्त है साहब..
बदलता ज़रूर है..
इंसान की अच्छाई पर,
सब खामोश रहते हैं...
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो,
तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं..!!!
नींद और निंदा
✍🏻नींद और निंदा पर जो विजय पा लेते हैं, उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
☝🏻और...
जो चीज आप को, "CHALLENGE" करती है, वही आपको "CHANGE" कर सकती है।
सदा मुस्कुराते रहिये
"🙏🏻आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो🙏🏻"
☝🏻और...
जो चीज आप को, "CHALLENGE" करती है, वही आपको "CHANGE" कर सकती है।
सदा मुस्कुराते रहिये
"🙏🏻आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो🙏🏻"
DIARIES
*अत्यंत प्रेरणादायक कहानी।
अवश्य पढ़ें।*
(Basis on Husband wife Relation)
शादी की वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर पति-पत्नी साथ में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे।
संसार की दृष्टि में वो एक आदर्श युगल था।
प्रेम भी बहुत था दोनों में लेकिन कुछ समय से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि संबंधों पर समय की धूल जम रही है। शिकायतें धीरे-धीरे बढ़ रही थीं।
बातें करते-करते अचानक पत्नी ने एक प्रस्ताव रखा कि मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना होता है लेकिन हमारे पास समय ही नहीं होता एक-दूसरे के लिए।
इसलिए मैं दो डायरियाँ ले आती हूँ और हमारी जो भी शिकायत हो हम पूरा साल अपनी-अपनी डायरी में लिखेंगे।
अगले साल इसी दिन हम एक-दूसरे की डायरी पढ़ेंगे ताकि हमें पता चल सके कि हममें कौन सी कमियां हैं जिससे कि उसका पुनरावर्तन ना हो सके।
पति भी सहमत हो गया कि विचार तो अच्छा है।
डायरियाँ आ गईं और देखते ही देखते साल बीत गया।
अगले साल फिर विवाह की वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर दोनों साथ बैठे।
एक-दूसरे की डायरियाँ लीं। पहले आप, पहले आप की मनुहार हुई।
आखिर में महिला प्रथम की परिपाटी के आधार पर पत्नी की लिखी डायरी पति ने पढ़नी शुरू की।
पहला पन्ना...... दूसरा पन्ना........ तीसरा पन्ना
..... आज शादी की वर्षगांठ पर मुझे ढंग का तोहफा नहीं दिया।
....... आज होटल में खाना खिलाने का वादा करके भी नहीं ले गए।
....... आज मेरे फेवरेट हीरो की पिक्चर दिखाने के लिए कहा तो जवाब मिला बहुत थक गया हूँ
........ आज मेरे मायके वाले आए तो उनसे ढंग से बात नहीं की
.......... आज बरसों बाद मेरे लिए साड़ी लाए भी तो पुराने डिजाइन की
ऐसी अनेक रोज़ की छोटी-छोटी फरियादें लिखी हुई थीं।
पढ़कर पति की आँखों में आँसू आ गए।
पूरा पढ़कर पति ने कहा कि मुझे पता ही नहीं था मेरी गल्तियों का।
मैं ध्यान रखूँगा कि आगे से इनकी पुनरावृत्ति ना हो
अब पत्नी ने पति की डायरी खोली
पहला पन्ना……… कोरा
दूसरा पन्ना……… कोरा
तीसरा पन्ना ……… कोरा
अब दो-चार पन्ने साथ में पलटे वो भी कोरे
फिर 50-100 पन्ने साथ में पलटे तो वो भी कोरे
पत्नी ने कहा कि मुझे पता था कि तुम मेरी इतनी सी इच्छा भी पूरी नहीं कर सकोगे।
मैंने पूरा साल इतनी मेहनत से तुम्हारी सारी कमियां लिखीं ताकि तुम उन्हें सुधार सको।
और तुमसे इतना भी नहीं हुआ।
पति मुस्कुराया और कहा मैंने सब कुछ अंतिम पृष्ठ पर लिख दिया है।
पत्नी ने उत्सुकता से अंतिम पृष्ठ खोला। उसमें लिखा था :-
मैं तुम्हारे मुँह पर तुम्हारी जितनी भी शिकायत कर लूँ लेकिन तुमने जो मेरे और मेरे परिवार के लिए त्याग किए हैं और इतने वर्षों में जो असीमित प्रेम दिया है उसके सामने मैं इस डायरी में लिख सकूँ ऐसी कोई कमी मुझे तुममें दिखाई ही नहीं दी।
ऐसा नहीं है कि तुममें कोई कमी नहीं है लेकिन तुम्हारा प्रेम, तुम्हारा समर्पण, तुम्हारा त्याग उन सब कमियों से ऊपर है।
मेरी अनगिनत अक्षम्य भूलों के बाद भी तुमने जीवन के प्रत्येक चरण में छाया बनकर मेरा साथ निभाया है। अब अपनी ही छाया में कोई दोष कैसे दिखाई दे मुझे।
अब रोने की बारी पत्नी की थी।
उसने पति के हाथ से अपनी डायरी लेकर दोनों डायरियाँ अग्नि में स्वाहा कर दीं और साथ में सारे गिले-शिकवे भी।
फिर से उनका जीवन एक नवपरिणीत युगल की भाँति प्रेम से महक उठा ।
*जब जवानी का सूर्य अस्ताचल की ओर प्रयाण शुरू कर दे तब हम एक-दूसरे की कमियां या गल्तियां ढूँढने की बजाए अगर ये याद करें हमारे साथी ने हमारे लिए कितना त्याग किया है, उसने हमें कितना प्रेम दिया है, कैसे पग-पग पर हमारा साथ दिया है तो निश्चित ही जीवन में प्रेम फिर से पल्लवित हो जाएगा ।
अवश्य पढ़ें।*
(Basis on Husband wife Relation)
शादी की वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर पति-पत्नी साथ में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे।
संसार की दृष्टि में वो एक आदर्श युगल था।
प्रेम भी बहुत था दोनों में लेकिन कुछ समय से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि संबंधों पर समय की धूल जम रही है। शिकायतें धीरे-धीरे बढ़ रही थीं।
बातें करते-करते अचानक पत्नी ने एक प्रस्ताव रखा कि मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना होता है लेकिन हमारे पास समय ही नहीं होता एक-दूसरे के लिए।
इसलिए मैं दो डायरियाँ ले आती हूँ और हमारी जो भी शिकायत हो हम पूरा साल अपनी-अपनी डायरी में लिखेंगे।
अगले साल इसी दिन हम एक-दूसरे की डायरी पढ़ेंगे ताकि हमें पता चल सके कि हममें कौन सी कमियां हैं जिससे कि उसका पुनरावर्तन ना हो सके।
पति भी सहमत हो गया कि विचार तो अच्छा है।
डायरियाँ आ गईं और देखते ही देखते साल बीत गया।
अगले साल फिर विवाह की वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर दोनों साथ बैठे।
एक-दूसरे की डायरियाँ लीं। पहले आप, पहले आप की मनुहार हुई।
आखिर में महिला प्रथम की परिपाटी के आधार पर पत्नी की लिखी डायरी पति ने पढ़नी शुरू की।
पहला पन्ना...... दूसरा पन्ना........ तीसरा पन्ना
..... आज शादी की वर्षगांठ पर मुझे ढंग का तोहफा नहीं दिया।
....... आज होटल में खाना खिलाने का वादा करके भी नहीं ले गए।
....... आज मेरे फेवरेट हीरो की पिक्चर दिखाने के लिए कहा तो जवाब मिला बहुत थक गया हूँ
........ आज मेरे मायके वाले आए तो उनसे ढंग से बात नहीं की
.......... आज बरसों बाद मेरे लिए साड़ी लाए भी तो पुराने डिजाइन की
ऐसी अनेक रोज़ की छोटी-छोटी फरियादें लिखी हुई थीं।
पढ़कर पति की आँखों में आँसू आ गए।
पूरा पढ़कर पति ने कहा कि मुझे पता ही नहीं था मेरी गल्तियों का।
मैं ध्यान रखूँगा कि आगे से इनकी पुनरावृत्ति ना हो
अब पत्नी ने पति की डायरी खोली
पहला पन्ना……… कोरा
दूसरा पन्ना……… कोरा
तीसरा पन्ना ……… कोरा
अब दो-चार पन्ने साथ में पलटे वो भी कोरे
फिर 50-100 पन्ने साथ में पलटे तो वो भी कोरे
पत्नी ने कहा कि मुझे पता था कि तुम मेरी इतनी सी इच्छा भी पूरी नहीं कर सकोगे।
मैंने पूरा साल इतनी मेहनत से तुम्हारी सारी कमियां लिखीं ताकि तुम उन्हें सुधार सको।
और तुमसे इतना भी नहीं हुआ।
पति मुस्कुराया और कहा मैंने सब कुछ अंतिम पृष्ठ पर लिख दिया है।
पत्नी ने उत्सुकता से अंतिम पृष्ठ खोला। उसमें लिखा था :-
मैं तुम्हारे मुँह पर तुम्हारी जितनी भी शिकायत कर लूँ लेकिन तुमने जो मेरे और मेरे परिवार के लिए त्याग किए हैं और इतने वर्षों में जो असीमित प्रेम दिया है उसके सामने मैं इस डायरी में लिख सकूँ ऐसी कोई कमी मुझे तुममें दिखाई ही नहीं दी।
ऐसा नहीं है कि तुममें कोई कमी नहीं है लेकिन तुम्हारा प्रेम, तुम्हारा समर्पण, तुम्हारा त्याग उन सब कमियों से ऊपर है।
मेरी अनगिनत अक्षम्य भूलों के बाद भी तुमने जीवन के प्रत्येक चरण में छाया बनकर मेरा साथ निभाया है। अब अपनी ही छाया में कोई दोष कैसे दिखाई दे मुझे।
अब रोने की बारी पत्नी की थी।
उसने पति के हाथ से अपनी डायरी लेकर दोनों डायरियाँ अग्नि में स्वाहा कर दीं और साथ में सारे गिले-शिकवे भी।
फिर से उनका जीवन एक नवपरिणीत युगल की भाँति प्रेम से महक उठा ।
*जब जवानी का सूर्य अस्ताचल की ओर प्रयाण शुरू कर दे तब हम एक-दूसरे की कमियां या गल्तियां ढूँढने की बजाए अगर ये याद करें हमारे साथी ने हमारे लिए कितना त्याग किया है, उसने हमें कितना प्रेम दिया है, कैसे पग-पग पर हमारा साथ दिया है तो निश्चित ही जीवन में प्रेम फिर से पल्लवित हो जाएगा ।
NO Escalator to success. ONLY STEPS!!!
Nice collection !! Please read -
Twelve golden sentences :
1 Heavy rains remind us of challenges in life. Never ask for a lighter rain, just pray for a better umbrella. That is Attitude.
2 When flood comes, fish eats ants and when flood recedes, ants eat fish. Only time matters. Just hold on. God gives opportunity to every one.
3 In a theatre when drama plays, you opt for front seats. When film is screened, you opt for rear seats. Your position in life is only relative. Not absolute.
4 For making soap, oil is required. But to clean oil, soap is required. This is the irony of life.
5 Life is not about finding the right person. But creating the right relationship.
6 It's not how we care in the beginning. But how much we care till the end.
7 Every problem has (N+1) solutions: where N is the number of solutions that you have tried and 1 is that you have not tried.
8 When you are in problem, don't think it's the End. It is only a Bend in life.
9 Difference between Man and God is God gives, gives and forgives. Man gets, gets and forgets.
10 Only two category of people are happy in life:
The Mad and the Child. Be Mad to achieve a goal. Be a Child to enjoy what you achieved.
11 Never play with the feelings of others. You may win. But loose the person for lifetime.
12 There is NO Escalator to success. ONLY STEPS!!!
💦💧💦💧💦🍂💦💧💦💧💦
Twelve golden sentences :
1 Heavy rains remind us of challenges in life. Never ask for a lighter rain, just pray for a better umbrella. That is Attitude.
2 When flood comes, fish eats ants and when flood recedes, ants eat fish. Only time matters. Just hold on. God gives opportunity to every one.
3 In a theatre when drama plays, you opt for front seats. When film is screened, you opt for rear seats. Your position in life is only relative. Not absolute.
4 For making soap, oil is required. But to clean oil, soap is required. This is the irony of life.
5 Life is not about finding the right person. But creating the right relationship.
6 It's not how we care in the beginning. But how much we care till the end.
7 Every problem has (N+1) solutions: where N is the number of solutions that you have tried and 1 is that you have not tried.
8 When you are in problem, don't think it's the End. It is only a Bend in life.
9 Difference between Man and God is God gives, gives and forgives. Man gets, gets and forgets.
10 Only two category of people are happy in life:
The Mad and the Child. Be Mad to achieve a goal. Be a Child to enjoy what you achieved.
11 Never play with the feelings of others. You may win. But loose the person for lifetime.
12 There is NO Escalator to success. ONLY STEPS!!!
💦💧💦💧💦🍂💦💧💦💧💦
What is Karam? How it works?
What is Karam? How it works?
☺: अनजाने कर्म का फल
VERY INTRESTING
एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था ।
राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था ।
उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी ।
तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से बचने के लिए अपने फन से ज़हर निकाला ।
तब रसोईया जो लंगर ब्राह्मणो के लिए पका रहा था, उस लंगर में साँप के मुख से निकली जहर की कुछ बूँदें खाने में गिर गई ।
किसी को कुछ पता नहीं चला ।
फल-स्वरूप वह ब्राह्मण जो भोजन करने आये थे उन सब की जहरीला खाना खाते ही मौत हो गयी ।
अब जब राजा को सारे ब्राह्मणों की मृत्यु का पता चला तो ब्रह्म-हत्या होने से उसे बहुत दुख हुआ ।
ऐसे में अब ऊपर बैठे यमराज के लिए भी यह फैसला लेना मुश्किल हो गया कि इस पाप-कर्म का फल किसके खाते में जायेगा .... ???
(1) राजा .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना जहरीला हो गया है ....
या
(2 ) रसोईया .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना बनाते समय वह जहरीला हो गया है ....
या
(3) वह चील .... जो जहरीला साँप लिए राजा के उपर से गुजरी ....
या
(4) वह साँप .... जिसने अपनी आत्म-रक्षा में ज़हर निकाला ....
बहुत दिनों तक यह मामला यमराज की फाईल में अटका (Pending) रहा ....
फिर कुछ समय बाद कुछ ब्राह्मण राजा से मिलने उस राज्य मे आए और उन्होंने किसी महिला से महल का रास्ता पूछा ।
उस महिला ने महल का रास्ता तो बता दिया पर रास्ता बताने के साथ-साथ ब्राह्मणों से ये भी कह दिया कि "देखो भाई ....जरा ध्यान रखना .... वह राजा आप जैसे ब्राह्मणों को खाने में जहर देकर मार देता है ।"
बस जैसे ही उस महिला ने ये शब्द कहे, उसी समय यमराज ने फैसला (decision) ले लिया कि उन मृत ब्राह्मणों की मृत्यु के पाप का फल इस महिला के खाते में जाएगा और इसे उस पाप का फल भुगतना होगा ।
यमराज के दूतों ने पूछा - प्रभु ऐसा क्यों ??
जब कि उन मृत ब्राह्मणों की हत्या में उस महिला की कोई भूमिका (role) भी नहीं थी ।
तब यमराज ने कहा - कि भाई देखो, जब कोई व्यक्ति पाप करता हैं तब उसे बड़ा आनन्द मिलता हैं । पर उन मृत ब्राह्मणों की हत्या से ना तो राजा को आनंद मिला .... ना ही उस रसोइया को आनंद मिला .... ना ही उस साँप को आनंद मिला .... और ना ही उस चील को आनंद मिला ।
पर उस पाप-कर्म की घटना का बुराई करने के भाव से बखान कर उस महिला को जरूर आनन्द मिला । इसलिये राजा के उस अनजाने पाप-कर्म का फल अब इस महिला के खाते में जायेगा ।
बस इसी घटना के तहत आज तक जब भी कोई व्यक्ति जब किसी दूसरे के पाप-कर्म का बखान बुरे भाव से (बुराई) करता हैं तब उस व्यक्ति के पापों का हिस्सा उस बुराई करने वाले के खाते में भी डाल दिया जाता हैं ।
अक्सर हम जीवन में सोचते हैं कि हमने जीवन में ऐसा कोई पाप नहीं किया, फिर भी हमारे जीवन में इतना कष्ट क्यों आया .... ??
ये कष्ट और कहीं से नहीं, बल्कि लोगों की बुराई करने के कारण उनके पाप-कर्मो से आया होता हैं जो बुराई करते ही हमारे खाते में ट्रांसफर हो जाता हैं ....
☺: A very deep philosophy of Karma example ☝
☺: अनजाने कर्म का फल
VERY INTRESTING
एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था ।
राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था ।
उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी ।
तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से बचने के लिए अपने फन से ज़हर निकाला ।
तब रसोईया जो लंगर ब्राह्मणो के लिए पका रहा था, उस लंगर में साँप के मुख से निकली जहर की कुछ बूँदें खाने में गिर गई ।
किसी को कुछ पता नहीं चला ।
फल-स्वरूप वह ब्राह्मण जो भोजन करने आये थे उन सब की जहरीला खाना खाते ही मौत हो गयी ।
अब जब राजा को सारे ब्राह्मणों की मृत्यु का पता चला तो ब्रह्म-हत्या होने से उसे बहुत दुख हुआ ।
ऐसे में अब ऊपर बैठे यमराज के लिए भी यह फैसला लेना मुश्किल हो गया कि इस पाप-कर्म का फल किसके खाते में जायेगा .... ???
(1) राजा .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना जहरीला हो गया है ....
या
(2 ) रसोईया .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना बनाते समय वह जहरीला हो गया है ....
या
(3) वह चील .... जो जहरीला साँप लिए राजा के उपर से गुजरी ....
या
(4) वह साँप .... जिसने अपनी आत्म-रक्षा में ज़हर निकाला ....
बहुत दिनों तक यह मामला यमराज की फाईल में अटका (Pending) रहा ....
फिर कुछ समय बाद कुछ ब्राह्मण राजा से मिलने उस राज्य मे आए और उन्होंने किसी महिला से महल का रास्ता पूछा ।
उस महिला ने महल का रास्ता तो बता दिया पर रास्ता बताने के साथ-साथ ब्राह्मणों से ये भी कह दिया कि "देखो भाई ....जरा ध्यान रखना .... वह राजा आप जैसे ब्राह्मणों को खाने में जहर देकर मार देता है ।"
बस जैसे ही उस महिला ने ये शब्द कहे, उसी समय यमराज ने फैसला (decision) ले लिया कि उन मृत ब्राह्मणों की मृत्यु के पाप का फल इस महिला के खाते में जाएगा और इसे उस पाप का फल भुगतना होगा ।
यमराज के दूतों ने पूछा - प्रभु ऐसा क्यों ??
जब कि उन मृत ब्राह्मणों की हत्या में उस महिला की कोई भूमिका (role) भी नहीं थी ।
तब यमराज ने कहा - कि भाई देखो, जब कोई व्यक्ति पाप करता हैं तब उसे बड़ा आनन्द मिलता हैं । पर उन मृत ब्राह्मणों की हत्या से ना तो राजा को आनंद मिला .... ना ही उस रसोइया को आनंद मिला .... ना ही उस साँप को आनंद मिला .... और ना ही उस चील को आनंद मिला ।
पर उस पाप-कर्म की घटना का बुराई करने के भाव से बखान कर उस महिला को जरूर आनन्द मिला । इसलिये राजा के उस अनजाने पाप-कर्म का फल अब इस महिला के खाते में जायेगा ।
बस इसी घटना के तहत आज तक जब भी कोई व्यक्ति जब किसी दूसरे के पाप-कर्म का बखान बुरे भाव से (बुराई) करता हैं तब उस व्यक्ति के पापों का हिस्सा उस बुराई करने वाले के खाते में भी डाल दिया जाता हैं ।
अक्सर हम जीवन में सोचते हैं कि हमने जीवन में ऐसा कोई पाप नहीं किया, फिर भी हमारे जीवन में इतना कष्ट क्यों आया .... ??
ये कष्ट और कहीं से नहीं, बल्कि लोगों की बुराई करने के कारण उनके पाप-कर्मो से आया होता हैं जो बुराई करते ही हमारे खाते में ट्रांसफर हो जाता हैं ....
☺: A very deep philosophy of Karma example ☝
'रिश्ते’ और ‘रास्ते’ - AGE & RELATIONS
'रिश्ते’ और ‘रास्ते’ के बीच,
एक अजीब रिश्ता होता है।
कभी 'रिश्तों' से 'रास्ते' मिल जाते है,
और कभी
'रास्तों' में 'रिश्ते' बन जाते हैं!
इसीलिए चलते रहिये और रिश्ते निभाते रहिये
खुशियाँ तो चन्दन की तरह होती हैं,
दूसरे के माथे पे लगाओ तो अपनी उंगलियाँ भी महक जाती हैं..💐
RELATIONS & PATHS HAVE,,
A MYSTICAL RELATIONSHIP,
SOMETIMES
RELATIONS DIRECTS YOU TO PATH,
OR
PATHS BUILD YOUR RELATIONS....
KEEP TREADING YOUR PATHS
AND
MAINTAIN RELATIONS...........
HAPPINESS IS LIKE SANDALWOOD POWDER..
YOU APPLY TO OTHER'S FOREHEAD
MAKES YOUR FINGERS FRAGRANT...
…..FLYFREE….
Thursday, 20 July 2017
विश्वास - FAITH
अभ्यास हमें बलवान बनाता हैं ,
दुःख हमें इंसान बनाता हैं,
हार हमें विनम्रता सिखाती हैं,
जीत हमारे
व्यक्तित्व को निखारती है,
लेकिन
सिर्फ़ विश्वास ही है,
जो हमें
आगे बढने की प्रेरणा देता है.
इसलिए हमेशा
अपने लोगों पर अपने आप पर
अपने गुरूदेव और अपने ईश्वर पर
विश्वास रखना चाहिए
PRACTICE TURNS US STRONG
SORROWS MAKES US HUMAN
DEFEAT TEACHES US MODESTY
WIN IMPROVES OUR PERSONALITY
BUT
BELIEF GIVES US DRIVE TO MOVE FORWARD
ALWAYS
BELIEVE ON YOUR CLOSE PEOPLE & YOURSELF
BELIEVE ON YOUR GURU AND YOUR GOD.....
…..FLYFREE….
कृष्ण और सुदामा - सब्र - PATIENCE
कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था। प्रेम भी इतना कि कृष्ण, सुदामा को रात दिन अपने साथ ही रखते थे।
कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते।
एक दिन दोनों वनसंचार के लिए गए और रास्ता भटक
गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक
ही फल लगा था।
कृष्ण ने घोड़े पर चढ़कर फल को अपने हाथ से तोड़ा। कृष्ण ने फल के छह टुकड़े
किए और अपनी आदत के मुताबिक पहला टुकड़ा सुदामा को दिया।
सुदामा ने टुकड़ा खाया और बोला,
'बहुत स्वादिष्ट! ऎसा फल कभी नहीं खाया। एक
टुकड़ा और दे दें। दूसरा टुकड़ा भी सुदामा को मिल
गया।
सुदामा ने एक टुकड़ा और कृष्ण से मांग
लिया। इसी तरह सुदामा ने पांच टुकड़े मांग कर खा
लिए।
जब सुदामा ने आखिरी टुकड़ा मांगा, तो कृष्ण ने
कहा, 'यह सीमा से बाहर है। आखिर मैं भी तो भूखा
हूं।
मेरा तुम पर प्रेम है, पर तुम मुझसे प्रेम नहीं
करते।' और कृष्ण ने फल का टुकड़ा मुंह में रख
लिया।
मुंह में रखते ही कृष्ण ने उसे थूक दिया, क्योंकि वह
कड़वा था।
कृष्ण बोले,
'तुम पागल तो नहीं, इतना कड़वा फल कैसे खा गए?
'
उस सुदामा का उत्तर था,
'जिन हाथों से बहुत मीठे फल खाने को मिले, एक
कड़वे फल की शिकायत कैसे करूं?
सब टुकड़े इसलिए
लेता गया ताकि आपको पता न चले।
दोस्तों जँहा मित्रता हो वँहा संदेह न हो, आओ
कुछ ऐसे रिश्ते रचे...
कुछ हमसे सीखें , कुछ हमे
सिखाएं. अपने कारगर बनायें।
किस्मत की एक आदत है कि
वो पलटती जरुर है
और जब पलटती है,
तब सब कुछ पलटकर रख देती है।
इसलिये अच्छे दिनों मे अहंकार
न करो और
खराब समय में थोड़ा सब्र करो. 🌺
प्रेम और पसंद - LOVE & LIKE
" ' प्रेम और पसंद ' दोनों में क्या अंतर है ?
" सुन्दर जवाब :
अगर तुम एक फूल को पसंद करते हो
तो तुम उसे तोड़कर रखना चाहोगे ,,
" लेकिन अगर उस फूल से प्रेम करते हो
तो तोड़ने के बजाय
तुम रोज उसमे पानी डालोगे
ताकि फूल मुरझाने न पाए ,, "
जिसने भी इस रहस्य को समझ लिया
समझो उसने पूरी जिंदगी को ही समझ लिया ,,
WHAT IS DIFFERENCE BETWEEN
LOVE & LIKE
IF YOU LIKE A FLOWER !
YOU WOULD LIKE TO KEEP IT WITH YOU !!
IF YOU LOVE THE FLOWER !
YOU WILL WATER THE PLANT REGULARLY,
SO THAT THE FLOWER DOES NOT WILT.
WHOEVER UNDERSTOOD THIS LESSON
IS SURE TO HAVE GOT THE CRUX OF LIFE.
...FLYFREE.....
Tuesday, 18 July 2017
मदद करना सीखिये
मदद करना सीखिये
. फायदे के बगैर.
. मिलना जुलना सीखिये
. मतलब के बगैर.
. जिन्दगी जीना सीखिये
. दिखावे के बगैर.
. मुस्कुराना सीखिये
. सेल्फी के बगैर.
. और
. परमात्मा पर विश्वास रखिये
. किसी शंका के बगैर
. फायदे के बगैर.
. मिलना जुलना सीखिये
. मतलब के बगैर.
. जिन्दगी जीना सीखिये
. दिखावे के बगैर.
. मुस्कुराना सीखिये
. सेल्फी के बगैर.
. और
. परमात्मा पर विश्वास रखिये
. किसी शंका के बगैर
इच्छायें - WISHES
"इच्छायें पूरी नही होती है
तो क्रोध बढ़ता है
और इच्छायें पूरी होती है
तो लोभ बढ़ता है
इसलिए जीवन की हर तरह की परिस्थिति में
धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है ।"
आपका दिन शुभ हो...
🌞 सुप्रभात 🌞
ANGER INCREASES…
WHEN WISHES REMAIN UNFULFILLED !!
GREED INCREASES…..
WHEN WISHES GETS FULFILLED….
TO KEEP A BALANCE
PATIENCE IS THE BEST PATH
START WITH YOUR BALANCED
DAY
…..FLYFREE….
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