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Tuesday 25 July 2017

परोपकार

मनुष्य को परोपकार की भावना से परिपूर्ण होना चाहिए।
परोपकार में ही मनुष्य का आत्म-कल्याण निहित होता है।
जिनका हृदय परोपकार से भरा हुआ है,
उन्हें कभी विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ता।
उनके मार्ग की समस्त बाधाएँ अपने आप नष्ट हो जाती हैं
और वे कदम-कदम पर सफलता प्राप्त करते हैं।
परोपकार से युक्त मनुष्य दुःखरहित होकर
सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
इसलिए मनुष्य को यथासंभव परोपकार करते रहना चाहिए।

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